श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के छठे दिन कृष्ण जन्मोत्सव कथा का आयोजन

सहरसा : जिले के कहरा प्रखंड के दिवारी पंचायत,मां भगवती जीवछ की धरती पर भरौली पश्चिम टोला शिव मंदिर मैदान में 9 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक लगातार सोमवार को छ्ठे दिन जगतगुरु सरल संत श्री नारायण दास देवाचार्य जी महाराज श्री धाम वृंदावन से आए हुए कथा महापुराण के छठे दिन साध्वी पूर्णेश्वरी शास्त्री दीदी के द्वारा संगीतमय कथा श्रवण किया गया। एवं आरती वंदना से शुरुवात की गई,एवं श्री नारायण दास जी महाराज ने आज कथा कृष्ण जन्मोत्सव विषय पर महाराज जी के मुखार बिंद से शुरूआत कि गई।महाराज जी ने कहा भागवत कथा महापुराण में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन श्रीमद् भागवत के दशम स्कंध में किया गया है।यह कथा कंस के अत्याचारों और अधर्म से धरती को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण के जन्म हुआ । कथावाचक महाराज जी ने  कहा भगवान कृष्ण के जन्म, वासुदेव द्वारा उन्हें गोकुल पहुंचाने, कंस द्वारा उन्हें खोजने के प्रयास और अंत में सभी भक्तों के साथ खुशी मनाने के बारे में बताते हैं।  

कथा का सार:
कंस का अत्याचार: इतना बढ गया कि जो अपने पिता उग्रसेन को बंदी बनाकर राजा बन जाता  है 
आकाशवाणी: जब कंस की बहन देवकी और जीजा वासुदेव के विवाह के बाद, कंस को एक आकाशवाणी सुनाई देती है कि देवकी की आठवीं संतान उसका वध करेगी। 
कारागार में जन्म: आकाशवाणी के भय से कंस देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल देता है। इसी कारागार में भाद्रपद मास की अष्टमी की रात को, रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होता है। 
वासुदेव का गोकुल गमन: जन्म लेते ही भगवान कृष्ण स्वयं ही वासुदेव को दर्शन देते हैं और उन्हें गोकुल में नंद के घर पहुंचाने का आदेश देते हैं। वासुदेव, भगवान की आज्ञा से बालक कृष्ण को टोकरी में लेकर यमुना पार करके गोकुल जाते हैं और वहां से यशोदा की नवजात कन्या को लेकर लौट आते हैं। 
नंदोत्सव : गोकुल में बालक कृष्ण के जन्म की खुशी में आनंदोत्सव मनाया जाता है, जबकि मथुरा की जेल में सभी कैदी और पहरेदार मूर्छित हो जाते हैं। 
कंस की हार: जब कंस को पता चलता है कि जो बेटी पैदा हुई है, वह शक्तिरूपा है, वह उसे मारना चाहता है, लेकिन वह उसके हाथ से छूटकर आकाश में चली जाती है और कंस को बताती है कि तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है, जिससे कंस भयभीत हो जाता है। 
जन्मोत्सव का उत्साह : भागवत कथा के दौरान, महाराज जी जब श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाते हैं तो श्रद्धालु एंव माता बहने"नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की" जैसे भजनों पर झूमते हैं और भक्ति में लीन हो जाते हैं।अंत में मंगल आरती और झांकी प्रस्तुति दी गई एवं पंकज सिंह के द्वारा महाप्रसाद वितरण किया गया।वही महाराज जी के द्वारा कमिटी अध्यक्ष महेश सिंह, कृष्ण वल्लभ सिंह, सुभाष सिंह,(यजमान, दिनेश सिंह,संजु देवी)चन्द्रकान्त झा, चेनपुर चंदशेखर ठाकुर, चेनपुर,अजयकृष्ण झा, चेनपुर, सम्मानित किये गये। कथा स्थल पर सभी सनातन परिवार समस्त भरौली धकजरी ग्राम वासी मौजूद रहे।

रिपोर्टर : अजय कुमार

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