"मर्यादा तोड़ने वालों को अब जनता मर्यादा में रखेगी”- बतौली मंडल अध्यक्ष आशीष गुप्ता का अमरजीत भगत पर करारा प्रहार

सरगुजा : सीतापुर विधानसभा का माहौल इन दिनों गर्म है। कांग्रेस के एकदिवसीय धरना प्रदर्शन में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे पूरे इलाके में सियासी तूफान मच गया। भगत ने मंच से भाजपा विधायक रामकुमार टोप्पो पर तंज कसते हुए कहा — “विधायक नहीं, बंदर है… गलती से जीत गया है, राजनीति थोड़ी आती है।”
यह बयान सुनते ही सभा में सन्नाटा छा गया, लेकिन कुछ ही देर में यह सन्नाटा गुस्से में बदल गया। पूरे सीतापुर से लेकर आसपास के गांवों तक भगत के शब्दों की गूंज सुनाई देने लगी। हर चाय दुकान और चौपाल पर अब यही चर्चा है — “क्या यही भाषा अब राजनीति में बचेगी?”
इस पर बतौली मंडल अध्यक्ष आशीष गुप्ता ने तीखा पलटवार करते हुए कहा
“15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भगत जी अब जनता की आवाज़ नहीं सुन पा रहे। सत्ता जाने के बाद उनकी बौखलाहट खुलकर सामने आ गई है। जिस जनता ने उन्हें सिर पर बैठाया, उसी जनता के जनप्रतिनिधि को अब वह अपमानित कर रहे हैं।”
आशीष गुप्ता ने आगे कहा कि भाजपा विधायक रामकुमार टोप्पो कोई आम व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि देश के पूर्व सैनिक हैं, जिन्होंने सीमा पर रहकर देश की रक्षा की है। और ऐसे व्यक्ति को ‘बंदर’ कहना सिर्फ एक विधायक का नहीं, बल्कि पूरे सैनिक समाज और जनता का अपमान है।
उन्होंने कहा —“भगत जी को भूलना नहीं चाहिए कि राजनीति में शब्द ही मर्यादा हैं। जब वही टूट जाएं, तो नेता और गुंडे में फर्क खत्म हो जाता है। जनता सब देख रही है, और इस बार जनता चुप नहीं रहेगी।”
मंडल अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के विधायक जनता के बीच रहकर विकास की बात करते हैं। गांव-गांव सड़क, बिजली, पानी और योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं, जबकि कांग्रेस अब केवल धरना और बयानबाज़ी तक सीमित रह गई है।
बतौली से लेकर सीतापुर तक लोगों में भगत के शब्दों को लेकर गुस्सा है। कई ग्रामीणों ने कहा कि ऐसा अपमान पहले कभी नहीं सुना। एक बुजुर्ग ने कहा —“जो सैनिक देश के लिए जान देने को तैयार रहता है, उसे बंदर कहना पाप है।”
सोशल मीडिया पर भी भगत का विरोध बढ़ता जा रहा है। युवाओं ने खुले तौर पर सवाल उठाया कि जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ही ऐसी भाषा बोलेंगे, तो बाकी कार्यकर्ता क्या सीखेंगे?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। जनता अब नेताओं की बातों से नहीं, बल्कि उनके आचरण से तय कर रही है कि कौन सच्चा जनसेवक है और कौन सिर्फ मंचों का कलाकार।
अंत में आशीष गुप्ता ने कहा—अमरजीत भगत का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है। जो नेता जनता के प्रतिनिधि का अपमान करता है, वह जनता के भरोसे का हकदार नहीं रह जाता। भाजपा जनता के सम्मान के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। मर्यादा तोड़ने वाले को जनता अब मर्यादा में रखेगी। जवाब शांतिपूर्वक होगा, लेकिन इतना गूंजेगा कि पूरे प्रदेश की राजनीति तक पहुंचेगा — और वह जवाब होगा जनता के वोट का।”
रिपोर्टर : रिंकू सोनी :
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