श्रावण मास में पार्थेश्वर शिवलिंग निर्माण, पूजन, महाअभिषेक व शिव कथा का 5 दिवसीय आयोजन जारी,

सेहोरे : श्रावण मास के पावन अवसर पर नगर में शिवभक्ति का अनुपम आयोजन माखनलाल, दिनेश कुमार एवं धर्मेन्द्र सोनी परिवार द्वारा किया जा रहा है। निज निवास, ओमशांति मार्ग, ब्लैक भवन रोड, आष्टा पर आयोजित यह पांच दिवसीय पार्थेश्वर शिवलिंग निर्माण, पूजन, महाअभिषेक एवं श्री शिव कथा का कार्यक्रम पंडित अशोककुमार शर्मा आचार्य के सानिध्य में सम्पन्न हो रहा है। द्वितीय दिवस में आज की कथा में आचार्य जी ने बताया राजा दक्ष प्रजापति थे और भगवान शिव के ससुर, क्योंकि उनकी पुत्री सती (दक्षायणी) ने भगवान शिव से विवाह किया था। परंतु दक्ष को शिवजी की तपस्वी जीवनशैली, उनका सरल स्वभाव और भौतिक वैभव से दूरी पसंद नहीं थी। इसी कारण उसने भगवान शिव के प्रति अपमानजनक व्यवहार किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें श्राप मिला।
घटना का संक्षिप्त विवरण:
प्रजापति दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें सभी देवताओं, ऋषियों और ब्रह्मांड के प्रमुख व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन जानबूझकर भगवान शिव और सती को आमंत्रित नहीं किया।
सती बिना निमंत्रण के अपने पिता के यज्ञ में पहुँचीं, वहाँ उन्होंने अपने पति भगवान शिव का घोर अपमान होते देखा।
क्रोधित और अपमानित होकर सती ने हवन कुंड में स्वयं को अग्नि में समर्पित कर बलिदान दे दिया।
जब यह समाचार भगवान शिव को मिला, तो वे क्रोधित हो उठे।
उन्होंने अपनी जटाओं से वीरभद्र और भद्रकाली को उत्पन्न किया और उन्हें दक्ष के यज्ञ को विध्वंस करने भेजा।
वीरभद्र ने यज्ञ को नष्ट कर दिया, देवताओं को परास्त किया और दक्ष का सिर काट दिया।
यद्यपि बाद में भगवान शिव का क्रोध शांत हुआ और ब्रह्माजी तथा अन्य देवताओं के निव
रिपोर्टर : राजकुमार
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