जोगिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत गंगवा छपिया के आंगनबाड़ी केंद्रों में अव्यवस्था उजागर सूत्रों के अनुसार पोषाहार, उपस्थिति और संचालन पर गंभीर सवाल

सिद्धार्थनगर :  सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायत गंगवा छपिया के आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर अनियमितताएँ सामने आ रही हैं। सरकारी योजनाओं के तहत बच्चों को पोषण और प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए केंद्रों की व्यवस्था जमीनी स्तर पर अपेक्षाओं से काफी दूर बताई जा रही है। समय से केंद्र न खुलने की जानकारी सूत्रों ने बताया है कि पंचायत क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र निर्धारित समय पर नहीं खुलते। कार्यकर्ताओं की देर से उपस्थिति के कारण बच्चों को नियमित गतिविधियों व पोषाहार का लाभ समय पर नहीं मिल पाता। कई दिनों तक केंद्रों का संचालन महज औपचारिकता के रूप में होता दिखाई दिया। रजिस्टरों में दर्ज उपस्थिति और वास्तविकता में अंतर मिली जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी रजिस्टरों में दर्ज बच्चों की संख्या और वास्तविक उपस्थिति में बड़ा अंतर पाया गया। मौके पर कम बच्चों के होने के बावजूद उपस्थिति रजिस्टर में पूर्ण संख्या दर्ज होने की बात सामने आई है। यह स्थिति केंद्र संचालन की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। पोषाहार के वितरण पर भी सवाल सूत्रों ने बताया कि पोषाहार वितरण की प्रक्रिया भी कई तरह की अव्यवस्थाओं से घिरी हुई है। कई दिनों तक पोषाहार न मिलने की शिकायतें, आवश्यक मात्रा में वितरण न होने के संकेत, और स्टॉक रजिस्टर में असंगतियाँ जांच की मांग को मजबूती देती हैं। स्थानीय अभिभावकों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पोषाहार की उपलब्धता और गुणवत्ता को लेकर लंबे समय से संदेह बना हुआ है।शैक्षिक गतिविधियाँ औपचारिकता तक सीमित आंगनबाड़ी केंद्रों का महत्वपूर्ण उद्देश्य प्री-स्कूल शिक्षा है, लेकिन गंगवा छपिया क्षेत्र में यह व्यवस्था काफी कमजोर दिखाई देती है।

सूत्रों के अनुसार— चार्ट और शैक्षिक सामग्री की कमी, गतिविधियों का नियमित न होना, तथा बच्चों को केवल बैठाकर समय बिताने की प्रवृत्ति सामने आई है। निरीक्षण व्यवस्था पर उठ रहे प्रश्न विभागीय निरीक्षण को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि निरीक्षण अधिकतर केवल कागज़ी कार्रवाई तक सीमित है। कई बार निरीक्षण से पहले सूचना पहुँच जाने के कारण केंद्रों को अस्थायी रूप से व्यवस्थित कर दिया जाता है, जिससे वास्तविक स्थिति सामने नहीं आती। जांच की मांग तेज — अधिकारियों की भूमिका पर निगाहें ग्राम पंचायत गंगवा छपिया में सामने आई इन अनियमितताओं के बाद क्षेत्र में जांच की मांग तेज हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि उच्च अधिकारी बिना पूर्व सूचना के केंद्रों का औचक निरीक्षण करें, तो वास्तविक स्थिति साफ हो सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ, तो पोषण और शिक्षा दोनों योजनाओं के उद्देश्य प्रभावित होंगे।
रिपोर्टर : सुशील कुमार खेतान

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