महानगरपालिका में भ्रष्टाचार व अत्याचार की गंदगी उजागर

भिवंडी : भिवंडी महानगरपालिका के स्वच्छता विभाग में भ्रष्टाचार और मनमानी का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रभारी मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक जयवंत मुरलीधर सोनवणे पर कर्मचारियों से गाली-गलौज, मानसिक उत्पीड़न, वसूली और पद का दुरुपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में समीर हनीफ पटेल, निवासी मिल्लतनगर भिवंडी, ने महानगरपालिका प्रशासक तथा आयुक्त अनमोल सागर (भा.प्र.से) को विस्तृत शिकायत पत्र सौंपते हुए तत्काल प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है।

शिकायत के अनुसार, जयवंत सोनवणे स्वच्छता विभाग के अंतर्गत लगभग 1830 सफाई कर्मचारियों की निगरानी करते है। लेकिन वे अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कर्मचारियों के साथ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं, गालियां देते हैं और उनसे पैसों की मांग करते हैं। बताया गया है कि उनके इस रवैये के कारण कई कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हैं और कुछ ने आत्महत्या जैसी धमकियां भी दी है। महिला स्वच्छता निरीक्षकों ने भी सोनवणे पर अभद्र भाषा और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि उनके डर और दबाव के कारण महिलाएं कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस करती है और विभाग में असंतोष का माहौल बना हुआ है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब जयवंत सोनवणे विवादों में घिरे हों। वर्ष 2021 में तत्कालीन आयुक्त पंकज आशिया (भा.प्र.से) ने उन पर लगे गंभीर आरोपों के चलते उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित किया था। उस समय भी उन पर सफाई कामगारों से जबरन वसूली और मानसिक उत्पीड़न के आरोप सिद्ध हुए थे। नई शिकायत में सोनवणे पर कई वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। इनमें सफाई कामगारों से दबाव डालकर पैसों की वसूली, कार्यालय के रिकॉर्ड में गलत विवरण दर्ज करना, प्लास्टिक कचरा उठाव के नाम पर ठेकेदारों से वसूली, दैनिक सफाई रिपोर्ट में झूठी जानकारी देना, वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में अनुपस्थित रहना, नगरसेवकों के कामों में बाधा डालना, कर्मचारियों के रजिस्टर में फर्जी हस्ताक्षर करना और कचरा गाड़ियों को बंद कराकर विवाद खड़ा करना शामिल है। इसके साथ ही आरोप है कि सोनवणे ने अपने पद का राजनीतिक दबाव बनाकर कई मामलों को दबा दिया है। शिकायत में कहा गया है कि जब कर्मचारी शिकायत करते हैं तो वे उन पर दबाव बनाकर शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर करते है। शिकायतकर्ता समीर पटेल ने कहा कि जयवंत सोनवणे का रवैया लंबे समय से भ्रष्टाचारपूर्ण और अत्याचारी रहा है। वे कर्मचारियों को डराकर और धमकाकर काम करवाते हैं। प्रशासन को चाहिए कि उन्हें तत्काल उनके पद से हटाया जाए और उनके खिलाफ विशेष जांच समिति गठित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।शिकायत के साथ निलंबन आदेश की प्रति और मुंबई में हुए समान प्रकरण के संदर्भ दस्तावेज भी संलग्न किए गए हैं। भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कर्मचारियों में न्याय और कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई है।

रिपोर्टर : मुस्तकीम खान

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