पंचशील ध्वज और बोधिवृक्ष के पास जातिवादी मानसिकता से कचरा फेंकने वाले गैर-आवेदक पर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के संबंध में।*

यवतमाल : उम्र: 33 वर्ष
पेशा: खेती
जाति: बौद्ध
पता: मुळावा, तहसील उमरखेड, जिला खडसे

*गैर-आवेदक:*

सुधाकर माधवराव पांडे
उम्र: लगभग 68 वर्ष
पेशा: सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी
जाति: ब्राह्मण (सवर्ण)
पता: जगापुर, पोस्ट शे. पिंपरी, तहसील पुसद, जिला यवतमाल

*महोदय,*
उपरोक्त विषय में आपसे निवेदन है कि मौजे जगापुर, तहसील पुसद, जिला यवतमाल में बौद्ध समाज की अधिकृत भूमि पर पंचशील ध्वज और पिंपल का पेड़ (बोधिवृक्ष) स्थित है। इस पवित्र स्थल पर बौद्ध समाज के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ-साथ महामानवों के विचारों का प्रचार-प्रसार, जयंती और पुण्यतिथि जैसे कार्यक्रम होते हैं।

ऐसे पवित्र स्थल के समीप गैर-आवेदक ने जानबूझकर एक बड़ा गड्ढा खोदकर वहां कचरा डाल दिया है। उस गड्ढे में जानवरों का गोबर, मूत्र और गंदगी फेंकी जाती है। यह कृत्य वह कई वर्षों से जातीय भावना से प्रेरित होकर करता आ रहा है।

कई बार गैर-आवेदक से निवेदन करने के बावजूद उसने कचरा हटाने से इनकार किया है और अभद्र भाषा में जवाब देते हुए धमकी देता है कि “मुझसे कोई कुछ नहीं कर सकता” और “तुम्हारी औकात ही कचरे में रहने की है।” इस प्रकार की अपमानजनक भाषा से हमें बार-बार अपमानित किया गया है।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और तथागत भगवान बुद्ध के पवित्र स्थल पर जातिवादी मानसिकता से कचरा और मल-मूत्र डालना कानूनन अपराध है। अतः आपसे अनुरोध है कि गैर-आवेदक के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए।

*टिप्पणी:* पंचशील ध्वज के पास डाले गए कचरे की GPS लोकेशन और कैमरे से ली गई तस्वीरें संलग्न की गई हैं।

*आवेदक:*
कुलदीप नथू खडसे

रिपोर्टर : आशीष खडसे

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.